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राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु बैठक आयोजित


●बैंक प्रबंधकों व बीमा कम्पनी प्रतिनिधियों को दिए निर्देेश

चित्तौड़गढ़। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर द्वारा एवं ओमी पुरोहित अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चित्तौड़गढ़ के निर्देशानुसार 11 फरवरी को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु आज न्यायालय परिसर चित्तौड़गढ स्थित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय में बैंक/वित्तीय संस्थानों के अधिकारीगण तथा बीमा कम्पनी के प्रतिनिधि/अधिकारीगण के साथ बैठक का आयोजन किया। अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,चित्तौड़गढ़ के सचिव भानु कुमार की अध्यक्षता में बैठक हुई।
बैठक के अघ्यक्ष एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, चित्तौड़गढ के सचिव भानु कुमार ने 138 एनआई एक्ट तथा ऋण वसूली से संबंधित प्रकरणों को चिन्हित कर उनमें अन्तिम राजीनामा राशि उपलब्ध कराने तथा अधिक से अधिक प्रकरणों को प्रिकाउन्सलिंग में रखवाने हेतु निर्देशित किया। इसके साथ ही प्रिकाउन्सलिंग हेतु बैंक अधिकारीगण से चर्चा कर प्रत्येक बैंक के लिए तारीख नियत की गई। इसके साथ ही यह भी बताया कि उक्त लोक अदालत हेतु डाॅर स्टेप प्रिकाउंसलिग का आयोजन भी किया जा रहा है जिसमें बैंक अपने अपने रिकवरी प्रकरणों को एरिया वाइज चिन्हित कर प्रिकाउंसलिंग में रखवा सकते है। प्रिकाउन्सलिंग तथा लोक अदालत के नोटिस की तामिल हेतु जिला मुख्यालय सहित समस्त ताल्लुका मुख्यालयों के लिए पृथक पृथक पुलिस टीम का गठन जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा किया गया है, जिनके द्वारा नोटिसों की तामील कराई जा रही है। यह राष्ट्रीय लोक अदालत ऑफलाइन के साथ ही ऑनलाइन के विकल्प भी खुले रखे गये है। यदि कोई पक्षकार काउंसलिंग या नोटिस की प्राप्ति पर न्यायालयों में उपस्थिति नहीं दे सकता है तो वह ऑनलाइन मोड से भी उपस्थिति दर्ज कराकर राष्ट्रीय लोक अदालत का फायदा उठा सकता है।
राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से निस्तारित दीवानी प्रकरणों में पूर्व में अदा किये गये न्याय-शुल्क की वापसी का प्रावधान है। लोक अदालत के जरिये निर्णित मुकदमें में अपील वर्जित होने से मुकदमा अंतिम रूप से निर्णित हो जाता है। अतः समस्त पक्षकार इस लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरणों को रखवाकर प्रिकाउन्संलिग में उपस्थित होकर लोक अदालत का अधिक से अधिक लाभ उठावें तथा अधिक से अधिक संख्या में प्रकरणों के निस्तारण में सहयोग प्रदान करें।
बैठक में जिला अग्रणी बैंक प्रबन्धक ए के वासवानी द्वारा उक्त लोक अदालत में अधिक से अधिक वसूली प्रकरणों को रखवाने तथा अधिक से अधिक राजीनामा से निस्तारण का आश्वासन दिलाया तथा सभी बैंक प्रबंधकों को अधिक से अधिक रिकवरी प्रकरणों को लोक अदालत में रखवाने हेतु प्रेरित किया।

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