चित्तौड़गढ़। स्वामी विवेकानन्द की जयन्ती पर आज जिला प्रमुख डॉ.0 सुरेश धाकड़ एवं जिला कलक्टर अरविन्द पोसवाल के कर कमलों द्वारा उप जिला प्रमुख भूपेन्द्र सिंह, मुख्य कार्यकारी अधिकारी राकेश पुरोहित, जिला परिषदस्यगणों अमर सिंह हाडा, छोटूलाल मीना, अभिषेक जैन, शंभूलाल गाडरी, कैलाश चन्द जाट एवं जिला परिषद सदस्य प्रतिनिध रवि मेनारिया, रामेश्वर लाल धाकड़ एवं हेमराज मेघवाल की उपस्थिति में जिला परिषद परिसर में स्वामी विवेकानन्द की मूर्ति का लोकार्पण किया गया।
जिला प्रमुख धाकड़ ने बताया कि स्वामी विवेकानन्द का जन्म 12 जनवरी, 1863 को कोलकाता (कलकत्ता) में हुआ था, वे भारत के महान संत, आध्यात्मिक गुरू एवं विचारक रामकृष्ण परमहंस के शिष्य थे। विवेकानन्द के विचार उठो, जागो और तब तक नहीं रूको, जब तक कि लक्ष्य प्राप्त न हो जाए, से प्रेरित होकर ‘‘स्वामी विवेकानन्द‘‘ की मूर्ति का लोकार्पण करने के साथ साथ आमजन उपयोगी कार्यो का शिलान्यास किया गया। कलेक्ट्रेट परिसर में
वीर सावरकर स्वागत द्वार 10 लाख रुपए,
‘‘पन्नाधाय भवन‘‘ केन्टीन एवं रिकार्ड रूम 50 लाख रुपए, मुख्य सड़क, चार दिवारी, पार्किंग एवं अन्य विकास कार्य 25 लाख रुपए, पण्डित दीनदयाल उपाध्याय सभागार (बहुउद्देशीय कौशल विकास केन्द्र-डीएमएफटी) 109 लाख रुपए से कार्य होंगे।
उन्होनें बताया कि कलेक्ट्रेट परिसर में आगन्तुकों तथा अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए उपयुक्त जलपान गृह नहीं होने के कारण चाय व जलपान हेतु अन्यत्र जाने पर समय जाया होने को ध्यान में रखते हुए एवं जिला परिषद का रिकार्ड सुरक्षित व व्यवस्थित रखने के लिए रिकार्ड रूम नहीं होने से रिकार्ड रूम की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ‘‘पन्नाधाय भवन‘‘ केन्टीन एवं रिकार्ड रूम का निर्माण कार्य जिला परिषद की निजी आय से राशि रू0 50 लाख का स्वीकृत किया जाने से इसका शिलान्यास किया गया है। इस कार्य से आगन्तुकों व अधिकारियों/कर्मचारियों को जलपान हेतु जलपानगृह की सुविधा का लाभ मिल सकेगा।
उन्होनें यह भी बताया कि कलक्ट्रेट परिसर में स्थित सभागार भवन वर्तमान परिपेक्ष्य में बैठक क्षमता पर्याप्त नहीं होने, सुसज्जित नहीं होने, विधानसभा की तर्ज पर पत्रकारों एवं दर्शकों के बैठने हेतु व्यवस्था उपलब्ध नहीं होने से इन सुविधाओं युक्त सभागार बनाने को दृष्टिगत रखते हुए ‘‘पण्डित दीनदयाल उपाध्याय‘‘ सभागार (बहुउद्देशीय कौशल विकास केन्द्र) का निर्माण कार्य डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाण्डेशन ट्रस्ट योजना से राशि रू0 109.00 लाख का स्वीकृत किया जाने से इसका शिलान्यास किया गया है।
उन्होनें बताया कि कलेक्ट्रेट परिसर में आमजन के आगमन व प्रस्थान हेतु वर्तमान में तीन द्वार है किन्तु जिले की विभिन्न उपखण्डों से जिला स्तरीय प्रशासनिक कार्यो हेतु अधिकांशतः आमजनों के चौपहिया वाहनों के माध्यम से कलेक्ट्रेट परिसर में आने-जाने के कारण आवागमन में काफी परेशानी होने से जिला परिषद परिसर के सामने की ओर रास्ता खोलकर आवागमन दुरूस्त करने हेतु ‘‘वीर सावरकर‘‘ स्वागत द्वार का निर्माण जिला परिषद की निजी आय से राशि रू0 10.00 लाख का स्वीकृत कर शिलान्यास किया गया है, इस कार्य से आमजन केे लिए आवागमन सुचारू हो सकेगा।
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