कपासन। प्रख्यात सूफी संत हज़रत दीवाना शाह साहब र.अ. के उर्स समापन के एक दिन बाद भूमिगत मज़ार के दीदार के लिये लम्बी कतारे लगी। वही धूणा के तरीकबंद फुकरा हज़रात को विदाई दी गई। दरगाह वक्फ कमेटी के सैक्रेट्री मोहम्मद यासीन खाँ अशरफी के अनुसार भूमिगत मज़ार के दर्शन हेतु बुलन्द दरवाजा तक लम्बी-लम्बी कतारें लगी रही। आस्ताना ए आलिया में बाबे नेअमत से प्रवेश दिया और दर्शन के बाद बाबे सलाम से बाहर निकलने कि व्यवस्था की गई। देर रात्री को सभी जायरीन के दर्शन के बाद पट बंद कर दिये। आम जायरीन के दर्शन हेतु एक साल बाद पट खोले जाएंगे।
बाद नमाज़े जौहर के धूणा के रफाईया, मदारिया, जलालिया, सिलसिले के तरीकतबंद फुकरा हज़रात के खलीफा, नकीब, भण्डारी, कोतवाल, सिपाही, मिस्कीन, ओहदेदारो को वक्फ कमेटी सदस्य सैयद अख्तर अली बुखारी, असलम शैख ने बाबा हुजूर की चादर पेशकर विदाई की रस्म अदा की।
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