चित्तौड़गढ़। राज्य सरकार द्वारा एनपीएस को बंद का ओपीएस लागू करने के बाद एनपीएस की कटी हुई राशि केन्द्र सरकार के पीएफआरडीए के खाते में जमा होने के बाद केन्द्र सरकार द्वारा पुनः नहीं लौटाये जाने से कर्मचारियों ने रोष व्यक्त करते हुए सोमवार को प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
एनपीएस जिला संयोजक हंसराज सालवी ने बताया कि राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा एक ऐतिहासिक फैसला कर 1 जनवरी 2004 को या इसके बाद नवनियुक्त होने वाले कार्मिकों को एनपीएस बंद कर ओपीएस देने का निर्णय किया गया है। पीएफआरडीए (पेंशन फंड रेगुलट्री एंड डेवलपमेंट ऑथोरिटी) द्वारा राजस्थान के कर्मचारियों एवं सरकार द्वारा प्रतिमाह मूल वेतन का 10ः.10ः एपीएस में जमा राशि लौटाने से इनकार कर दिया गया है। (पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण) भारत सरकार के अधीन है। संगठन ने भारत सरकार द्वारा पीएफआरडीए को राजस्थान राज्य के कार्मिकों द्वारा एनपीएस में अब तक जमा की गई राशि राजस्थान सरकार को लौटाने के निर्देश देने की मांग की।
इस अवसर पर कमल मीणा, सुरेश खोईवाल, कालुराम खटीक, अनिल बारेसा, मुकेश गुर्जर, धनराज मेघवाल, सुरेश डेहरिया, नरेंद्र लोट, अशोक जाटव, रमेश चंद्र लोट, किशन पुरबिया, सुरेश कुमार जाट, रमेश चंद्र पुरबिया, लोकेश जोशी, गोपेश कोदली, अनिल कुमार, सुभाष गारू, शिव कोदली उपस्थित रहे।
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