चित्तौड़गढ़। प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत् भदेसर उपखण्ड में हुए भू-आवंटन व पट्टा वितरण में अनियमितता एवं भ्रष्टाचार के आरोपों पर विधायक चन्द्रभान सिंह आक्या ने गहरा रोष प्रकट करते हुए कांग्रेस सरकार को कटगरे में खड़ा करते हुए प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
विधायक कार्यालय से जारी विज्ञप्ति के अनुसार विधायक चन्द्रभान सिंह आक्या ने बताया कि वर्तमान में राज्य में कांग्रेस की सरकार है एवं सारे प्रशासनिक अधिकारी/कर्मचारी सरकारी दबाव में कार्य करते है एवं विशेष तौर से सरकारी अभियानों के दौरान अधिकारी सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के दबाव में कार्य करते है और प्रशासनिक मशीनरी जिसमें उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार, विभाग अधिकारी, पटवारी व सचिव सभी सत्ताधारी पार्टी के चाहे अनुसार कार्य करते है। ऐसे में भदेसर उपखण्ड में जमीन आवंटन को लेकर विधायक एवं प्रधान का नाम घसीटना हास्यास्पद है। विधायक आक्या ने बताया कि हकीकत में कांग्रेस समर्थित नेता व कुछ कार्यकर्ता मनमाने तरीके से गलत आवंटन व पट्टे लेना चाह रहे थे, लेकिन उनकी एवं भदेसर पंचायत समिति प्रधान की सजगता से ऐसा हो नहीं पाया इसलिए उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए मीडिया के माध्यम से उन पर बेबुनियाद गलत आरोप लगाकर ओछी राजनीति पर उतर आये है। अभी पुरी सरकारी मशीनरी इनकी है। सरकारी मशीनरी में भू आवंटन की एक निर्धारित प्रक्रिया होती है जिसमें उपखंड अधिकारी, तहसीलदार, विकास अधिकारी, गिरदावर पटवारी जैसी तमाम मशीनरी के बावजूद यदि गलत भू-आवंटन हो जाये तो खुद सरकार की कार्यप्रणाली और ब्यूरोकेसी पर सवाल खडे होते है। वर्तमान विधायक और भदेसर प्रधान पर गलत आवंटन के मिथ्या आरोप पर आक्या ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ता अपनी सरकार का रौब दिखा प्रशासनिक अधिकारियों से गलत भू आवंटन करवाना चाह रहे थे और उनके दखल के बाद जब उनके मंसूबों पर पानी फिरा तो अनर्गल आरोप लगा जनता में गलतफहमी पैदा करने की कोशिश कर रहे है। आक्या ने इस पूरे प्रकरण पर सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि पूरे प्रकरण की जांच राज्य की एजेंसिया करे और दूध का दूध और पानी का पानी जनता के सामने रखे एवं दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ कडी से कडी कार्यवाही की जानी चाहिए। विधायक आक्या ने बताया कि विधायक होने के नाते वे और प्रधान शिविरों में भाग लेते है लेकिन कोई गलत आवंटन ना हो इसकी जिम्मेदारी उनकी भी बनती है इसलिए उन्होनें कोई गलत आवंटन नहीं होने दिया और फिर भी किसी को लगता है कि गलत हुआ है तो प्रशासन द्वारा शीघ्र इसकी जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए।
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