नाजायज जमीन पर की गई उपासना और इबादत अधर्म और पाप - राष्ट्रसंत कमलमुनि

डूंगला, (विमल नलवाया)। नाजायज जमीन पर की गई उपासना और इबादत अधर्म और पाप है। उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने यहां महावीर एल्वामा गौशाला कमल तीर्थ में संबोधित करते हुए अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण की भूमि पर धर्म स्थल का निर्माण करना  भ्रष्टाचार से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि धर्म ग्रंथों में लिखा है कि किसी धर्म स्थल पर कब्जा करके आराधना करना भी गुनाह करने के समान है। मुनि कमलेश ने बताया कि अन्याय और अनीति से धन उपार्जन करके  निर्माण करना भी अपराध की परिधि में आता है।
राष्ट्रसंत ने स्पष्ट कहा कि धर्मस्थल के द्वारा प्रेम सद्भाव और मोहब्बत का संदेश मानव मात्र में पहुंचना मुख्य लक्ष्य होना चाहिए। नफरत हिंसा और फिरका परस्ती की इजाजत कोई भी धर्म नहीं देता है। जैन संत ने बताया कि लालच, स्वार्थ, बलपूर्वक अथवा भूल से अज्ञानता से हमारे पास आई वस्तु को इमानदारी से उसके मालिक को देना इससे बड़ा और कोई धर्म नहीं हो सकता। घनश्याम मुनि ने मंगलाचरण किया। गौतम मुनि ने विचार व्यक्त किए। मुनि कमलेश की जन्मभूमि स्थल पर अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच नई दिल्ली की ओर से अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया।
 विचार मंच राजस्थान शाखा के अध्यक्ष अनिल जारोली, नरेन्द्र सिंह भूरक्या, अनिता भंडारी, ललिता बापना, मांगीलाल जारोली, उत्सव कुमार भाणावत, संगीता भंडारी ने समारोह में भाग लिया। शनिवार को महावीर एलवा मां गोशाला कमल तीर्थ मे नवनिर्मित गो शेड का उद्घाटन अखिल भारतीय श्वेतांबर स्थानाकवासी जैन कॉन्फ्रेंस नई दिल्ली महिला शाखा राष्ट्रीय अध्यक्ष पुष्पा गोखरू करेंगी। समारोह की अध्यक्षता जैन दिवाकर मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेंद्र सुराणा करेंगे।

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