पहुंना। (आजाद मंसूरी)। जन्म से कोई डाकू या संत नहीं होता है संगति का असर इंसान पर तो क्या पशु पक्षी और पूरी सृष्टि पर पड़ता है। उक्त विचार राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश ने निम्बाहेडा सब जेल कारागृह में प्रवर्तक रमेश मुनि, प्रखर वक्ता चंद्रेश मुनि की दीक्षा जयंती पर संबोधित करते हुए व्यक्त किये उन्होने कहॉ कि बुरी संगति जन्म-जन्म का नुकसान करती है पांच पकवान मिले तो भी बुरी संगति नहीं करनी चाहिए उन्होंने कहा कि बुरी संगती का प्रभाव जल्दी पड़ता है और अच्छी संगति का असर देरी से होता है। रुखा सुखा खाकर भी अच्छी संगति नहीं छोड़ना चाहिए। मुनि कमलेश ने बताया कि भौतिकवाद की आधुनिक चकाचौंध में हम जैसे संतों का निर्माण होना अच्छी संगति का ही प्रभाव है साथ ही कहा कि एक छेद नाव को डूबा देता है। इसी तरह क्रोध नशा बुरी आदतें धन इज्जत और चरित्र को बर्बाद कर देती है। जैन संत ने बताया कि अपने कार्यों से ही अपने नसीब का निर्माण होता है बुरे कर्मों से साक्षात परमात्मा भी नहीं बचा सकता हे त्याग और तपस्या, भक्ति व कर्मों से मुक्ति पाई जा सकती है। वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ की ओर से प्रभावना वितरित कीये गये जेल में रसोई के लिये आवश्यक बर्तन भेंट किए गए। डॉक्टर एस एम जैन ने गुरुदेव का परिचय करवाया संघ अध्यक्ष मोतीलाल राका जैन दिवाकर कमल गोसेवा महिला मंडल अध्यक्ष मंजू ढेलावत, मंत्री चंदा वीरवाल, कोषाध्यक्ष गुण बाला डांगी, अनुज्ञा सिंघवी, दिवाकर मंच महिला शाखा राजकोट की मंत्री आशा शाह राजकोट, जैन दिवाकर युवक परिषद अध्यक्ष कमलेश दुगड़, मंत्री हिमांशु मारु, कोषाध्यक्ष ऋषभ सिंघवी, मदन वीरवाल आदि ने प्रभावना वितरित की जेल प्रशासन की ओर से मुनि कमलेश का अभिनंदन किया गया तथा केदी बंधुओं ने दुबारा अपराध न करने और नशा मुक्त जीवन जीने का संकल्प लिया।
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