चित्तौड़गढ़। अध्यक्ष राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण सुरेंद्र सिंह जाड़ावत ने बढ़ती हुई महंगाई को लेकर व रोजमर्रा व विद्यार्थियों के काम आने वाली वस्तुओं पर जीएसटी दर बढ़ाने को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है।
सुरेंद्र सिंह जाड़ावत ने कहा है कि महंगाई को मुद्दा बनाकर चुनाव जीतने वाली केंद्र की मोदी सरकार ने चुनाव पूर्व नारा दिया की बहुत हुए महंगाई की मार अबकी बार मोदी सरकार और चुनाव जीतते ही लगातार बेहताशा महंगाई बढ़ाती जा रही है। पहले प्रेंट्रोल, गेस, डीजल महंगा करने केंद्र सरकार ने सोमवार से कई खाद्य वस्तुएं महंगे करने का फैसला किया। जिनमें दही, पनीर, लस्सी, शहद, सूखा मखाना, सूखा सोयाबीन, मटर जैसे उत्पाद, गेहूं आटा और अन्य अनाज तथा मुरमुरे पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया गया है जो गरीब वर्ग करारा प्रहार है। जाड़ावत ने कहा है कि इस तरह 5 हजार रुपये से अधिक किराये वाले अस्पताल के कमरों पर भी जीएसटी देना होगा। इसके अलावा 1,000 रुपये प्रतिदिन से कम किराये वाले होटल कमरों पर 12 प्रतिशत की दर से कर लगा दिया गया है। कर दर में बदलाव के कारण 18 जुलाई से विद्यार्थियों के काम आने वाली वस्तुओं एटलस समेत नक्शे तथा चार्ट पर 12 प्रतिशत जीएसटी व पेंसिल, रबड़, शार्पनर पर की दरें बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर के कोरोना के कारण 2 साल से परेशान विद्यार्थियों पर चोट मारी है तथा अब सेल्फ एम्प्लॉयर व दुकानदार जो कि किराए के मकान में रहते हो तो सीधा 18 प्रतिशत जीएसटी लगाकर कमर तोड़ दी है। अब 10 हजार के मकान किराए में रहने वाले को 1800 रुपये जीएसटी के चुकाने होंगे नही देने पर सीधा किराएदार पर कार्यवाही होगी।
अध्यक्ष राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण सुरेंद्र सिंह जाड़ावत ने रोजमर्रा की वस्तुओं व विद्यार्थियों के काम आने वाली वस्तुओं व अन्य सेवाकर में जीएसटी बढ़ाने पर होने वाली महंगाई पर सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि बिना सोचे समझे जीएसटी के स्लैब तय कर दिए लगातार उनमें परिवर्तन करते जा रहे है। इनके मंत्री व अधिकारी सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय से निर्देश लेते है व जीएसटी दर बढ़ाते जाते है। इससे होने वाली मंहगाई से पूर्ण रूप से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार जिम्मेदार है। जाड़ावत ने कटाक्ष करते हुए कहा है कि शवदाहगृह के लिये जारी होने वाले कार्य अनुबंधों पर अब 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा जो कि अब तक 12 प्रतिशत था जबकि मानवीय संवेदना देखते हुए ऐसे अनुबंधों को जीएसटी दायरे से बाहर रखना चाहिए। रोपवे के जरिये वस्तुओं के परिवहन पर दर कम करने को लेकर कहा है कि इनकी बुद्धि पर तरस आता है की पूरे भारत मे इस तरह का माल परिवहन 0.1% भी नही है। महज आंकड़ो में ऐसी दर कम कर लीपापोती की जाकर रोजमर्रा की वस्तुओ पर महंगाई बढ़ाने का काम मोदी सरकार कर रही है।
0 टिप्पणियाँ