चित्तौड़गढ़। देहली गेट, छीपा मोहल्ला अशरफी चौक स्थित हजरत सैय्यद सरदार अहमद अकेडमी में 17वॉ जश्ने आमदे रसूल का 10 रोजा जलसा मनाया जा रहा है। मौलाना मोहम्मद जुनेद अशरफी ने बताया कि जलसे में सरदार अहमद अशरफी, नुरूद्दीन बस्तवी व सलीम खान ने नातिया कलाम पेश किया और मोलाना मोहम्मद जुबेर अशरफी अलअजहरी ने तकरीर में फरमाया कि पेगम्बर इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब सल-लल्लाहो अलैहे वसल्लम की पैदाईश (जन्म) 12 रबीउल अव्वल शरीफ, मुताबिक 20 अप्रेल 571 इस्वीं बरोज पीर (सोमवार) को सुबह सादीक के वक्त मक्का शरीफ में हुआ। आपको अल्लाह तआला ने दोनों जहॉ के लिये रहमत बनाकर भेजा। आपके आने से लोगों मे इन्सानियत पैदा हुई, इस्लाम में औरतों को इज्जत मिली, बेवाओं औरतों को समाज में सम्मान मिला और लडकी पैदा होने को अल्लाह की रहमत बताया। आपने अपने अख्लाक और किरदार से लोगों को जीने का तरीका सिखाया, आपने अल्लाह तआला का पेगाम सुनाया। लोगो मे रहमदिली भाईचारगी और अमन का पेगाम दिया , आपने लोगों को तालीम दी और शिक्षा की अहमीयत बताई, आपने बताया कि अल्लाह तआला उस पर रहम (दया) नही करता जो लोगों पर रहम नही करता आपने लोगों को बताया कि मैं अल्लाह का आखरी पेगम्बर हूं और सारे जहॉ के लिये रहमत बनकर आया हूं इसलिये हम सारा गम भुलाकर हम सब बडी अकीदत से जश्ने ईद मिलादुन्नबी (जन्मदिन) मनाते हैं।
इस मौके पर सज्जादानशीन हाजी मोहम्मद युसुफ अशरफी, सज्जादानशीन मोलाना मोहम्मद उमेर अशरफी, मोलाना मोहम्मद जुनेद अशरफी, हाफिज जावेद , मोलाना खलील बरकाती, गुलामनबी चाचा, बिलाल खान, शाहीद अशरफी, अशरफ भाटी, आवेश छीपा, सोनू अशरफी, अब्दुल हमीद मंसूरी, व कई सैंकड़ों लोग मौजुद रहे। आखिरी में मोलाना मोहम्मद उमेर अशरफी ने अपने मुल्क हिन्दुस्तान व राज्य और शहर के अमनों अमान भाईचारे की दुआ मांगी व लंगर तकसीम किया गया।
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