दीवाना शाह के जन्मोत्सव पर एक अगस्त को पेश होगा अलम शरीफ

चित्तौड़गढ़। प्रख्यात सूफी संत हज़रत दीवाना शाह साहब र.अ. के जन्मोत्सव के मौके पर 25 मोहरर्म, गुरूवार एक अगस्त को परचम कुशाई (अलम, झण्डा) के साथ ही बाबा हुजूर के 83वें उर्स की अनौपचारिक रूप से शुरूआत होगी।
दरगाह वक्फ कमेटी के सैक्रेट्री मोहम्मद यासीन खाँ अशरफी के अनुसार बाबा हुजूर के यौमे पैदाईश के मौके पर जुमेरात (गुरूवार) बाद नमाज़े असर के आस्ताना ऐ आलिया एवं बुलन्द दरवाजा पर परम्परा अनुसार अलम शरीफ (झण्डा) चढ़ाने की रस्म अदा की जायेगी।
बाबा हुजूर हज़रत दीवाना शाह साहब र.अ. का जन्म 25 मोहरर्म 1292 हिजरी, 4 मार्च 1875 ईस्वी गुरूवार को डीसा-पालनपुर (गुजरात) मे अब्दुल कादिर कुरेशी के घर जेनब बाई की कोख से कुरेशी मोहल्ला मे हुआ था। इस खुशी में हर साल अलम पेश करने की रस्म अदा की जाती है।
बाबा हुजूर का 83वां उर्स ईन्शा अल्लाह 12 अगस्त से शुरू होकर 14 अगस्त (6 सफर से 8 सफर) को जोहर की अज़ान से पहले कुल की फातिहा के साथ सम्पन्न होगा। झण्डा चढाने की रस्म के साथ ही 83वें उर्स की अनोपचारिक शुरूआत हो जाएगी व जायरीन के आने जाने का सिलसिला शुरू हो जाएगा।

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