चित्तौड़गढ़। भीलवाड़ा की एसीबी टीम ने कार्यवाही करते हुए चंदेरिया थाने के एक कांस्टेबल को 2 हजार रूपये की रिश्वत के
मामले में रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह राशि कांस्टेबल परिवाद के निस्तारण करने के लिए ली थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार रामदेवजी का चंदेरिया निवासी गजराज सिंह पुत्र गोपाल सिंह हाड़ा ने भीलवाड़ा एसीबी को चंदेरिया थाने के कांस्टेबल नान्चा राम द्वारा घूस मांगे जाने की खबर दी। इस मामले में जानकारी देते हुए भीलवाड़ा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो खंड प्रथम की पुलिस उपाधीक्षक दीपिका राठौड़ ने बताया कि कांस्टेबल नान्चा राम ने परिवाद के एवज में 10 हजार रूपये की रिश्वत मांगी थी। जिसमें से एक हजार रूपये देकर दो दिन पूर्व सत्यापन किया गया और आज थाने के बाहर कांस्टेबल को फरियादी ने बुलाकर रंगे हुए हुए 2 हजार रूपये थमाये। इसी दौरान भनक लगने पर कांस्टेबल ने भागने की कोशिश की लेकिन एसीबी की टीम ने उसे दबोच लिया।
फरियादी गजराज सिंह ने बताया कि वह हीरो फिनकॉर्प फाइनेन्स लिमिटेड में कलेक्शन मेनेजर के रूप में काम करता है। उसने बताया कि एक व्यक्ति की फाईनेन्स की चार किश्तें बाकी थी तो उन्होंने उसके घर से मोटरसाइकिल सीज कर ली। इसके बाद चंदेरिया थाने से कांस्टेबल नान्चाराम का फोन आया और
उन्होनें बताया कि उसके खिलाफ चंदेरिया थाने में परिवाद है और मोटरसाइकिल लाने के दौरान किसी महिला ने छेड़छाड़ का परिवाद दिया है। जिस पर फरियादी गजराज सिंह ने मोटरसाइकिल नान्चाराम को थाने में लाकर दे दी, लेकिन कांस्टेबल
ने परिवाद निपटाने के एवज में 10 हजार रूपये की रिश्वत मांगी। गजराज सिंह ने बताया कि उसने 4 हजार रूपये पहले ही दे दिये, लेकिन नान्चाराम लगातार बकाया राशि की मांग करता रहा जिस पर फरियादी ने एसीबी की शरण ली और आज उसे 2 हजार रूपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। इस संबंध में फरियादी गजराज सिंह ने बताया कि चंदेरिया थाने का कांस्टेबल नान्चाराम रिश्वत राशि की बात वाट्सएप कॉलिंग पर करता था और 10 हजार रूपये मांगे तो मामला 7 हजार रूपये में तय हुआ। उसने बताया कि उसे अभी तक यह पता नहीं है कि उसके खिलाफ क्या रिपोर्ट दी है। इस संबंध में एसीबी उससे पूछताछ कर रही है। जानकारी है कि नान्चाराम 2015 बैच का कांस्टेबल है और पिछले 2 सालों से चंदेरिया थाने में कार्यरत है।
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