जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने बुधवार को एक आदेश जारी कर सभी को हैरत में डाल दिया हैं। अब एसीबी की ओर से रिश्वत लेते पकड़े जाने वालों का मीडिया को न नाम बताया जाएगा और न ही फोटो लेने देंगे। इससे भ्रष्टाचार करने वाले ज्यादा बेखौफ हो जाएंगे। महानिदेशक का अतिरिक्त कार्यभार लेने के बाद आईपीएस हेमंत प्रियदर्शी ने सबसे पहला आदेश यही जारी किया है। इस पर कंट्रोवर्सी पैदा हो गई है।
दरअसल इस आदेश में यह कहा गया है कि न्यायालय से आरोप साबित नहीं होने तक रिश्वत लेने वाले लोगों का नाम और फोटो सार्वजनिक नहीं किया जाए। यानी मीडिया को भी उनका नाम और फोटो नहीं दिया जाए। इस पर लोगों का कहना है कि अगर आरोप साबित होने की बात है तो यह तमाम अपराधों पर लागू होती है। फिर तो चोर, डकैत, मर्डर करने वाले और रेप करने वालों का नाम भी तब तक सार्वजनिक नहीं होना चाहिए जब तक उन पर आरोप साबित नहीं हो जाता है।
एक्सपर्ट का मानना है कि एसीबी की ओर से जितने लोग रिश्वत लेते पकड़े जाते हैं, उनमें ज्यादातर बरी हो जाते हैं या लंबे समय तक ट्रायल चलती रही है। इसका फायदा भी आरोपियों को ही मिलता है। इस आरोप में पकड़े जाने के बाद वे निलंबित रहते हुए भी तनख्वाह तो उठाते हैं।
बुधवार को यह आदेश हुआ जारी :-
एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक प्रथम व कार्यवाहक महानिदेशक हेमंत प्रियदर्शी की ओर से सभी एसीबी चौकी प्रभारी व यूनिट प्रभारी को इन आदेशों की पालना करने को कहा है। आदेश में लिखा है कि ट्रेप कार्रवाई के बाद जब तक प्रकरण में आरोपी पर न्यायालय में दोषसिद्ध नहीं हो जाता है, तब तक आरोपी का नाम एवं फोटो मीडिया या अन्य किसी सोशल मीडिया में सार्वजनिक (वायरल) नहीं करेगा।
0 टिप्पणियाँ