गंगरार। आज इंसान प्रकृति से दूर रहकर अपने आपको तनाव में घेर चुका है। वह भूल चुका है कि जब-तब हमें विभिन्न विपदाओं से यह प्राकृतिक जीवनशैली ही बचाती है। आज के महत्वाकांक्षा एवं सब कुछ बहुत जल्दी पा जाने की सोच के कारण हम दिन ब दिन तनाव और हृदय रोगों से परेशान रहने लगे हैं। यह सब प्रकृति से दूर रहने का ही परिणाम है। गाँधी जी जीवन भर प्राकृतिक जीवन शैली व स्वावलंबन का संदेश देते रहे। हमें उनके संदेशों को प्रसारित करने की जरूरत है। उक्त बातें गाँधी स्टडी सर्किल मेवाड़ विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित एक दिवसीय संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि गाँधी विचारक एवं महात्मा गाँधी स्मारक प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान राजघाट नई दिल्ली के मुख्य सचिव डॉ० सच्चिदानंद ने कही।
गाँधी जी पर विचार रखते हुए आगे उन्होंने कहा कि गाँधी विचार आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत है। गाँधी कोई वाद नहीं हैं बल्कि एक कालजयी विचार हैं। गाँधी को समझने के लिए हिन्द स्वराज पढ़ने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि गाँधी जी जीवन भर संयम, सादगी, सत्य, स्वावलंबन एवं अहिंसा का संकल्प लेकर जीते रहें। अध्यक्षता करते हुए मेवाड़ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० (डॉ०) के. एस. राणा ने कहा कि गाँधी जी ने एक भारतीय जीवन शैली का आरम्भ किया जो हम सभी के लिए अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि नील आन्दोलन ने मोहन को महात्मा बनाया। मेवाड़ विश्वविद्यालय ने गाँधी जी के विचारों को प्रसारित करने के लिए ही गाँधी स्टडी सर्किल की स्थापना की है। संगोष्ठी के संयोजक एवं गाँधी स्टडी सर्किल के असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ० सुमित कुमार पाण्डेय ने कहा कि गाँधी महज एक व्यक्ति नहीं बल्कि विचार हैं जो करोड़ों भारतीयों के हृदय में विराजमान है। यदि कोई व्यक्ति स्वच्छता का ध्यान रखता है, स्वावलंबी है तो समझिए उसमें गाँधी के विचार ज़िंदा हैं। मुख्य अतिथि का परिचय एवं स्वागत भाषण प्रतिकुलपति प्रो० डॉ० सर्वोत्तम दीक्षित ने किया। डॉ० सच्चिदानंद जी का परिचय देते हुए प्रो० दीक्षित ने बताया कि डॉ० सच्चिदानंद अपना पूरा जीवन गाँधी जी के विचारों को आत्मसात कर जीते हैं। डॉ० सच्चिदानंद अपने हाथ से कते सुत के कपड़े पहनते हैं और प्राकृतिक जीवन जीते हैं। संगोष्ठी के पहले डॉ० सच्चिदानंद ने मेवाड़ विश्वविद्यालय स्थित गाँधी संग्रहालय एवं गाँधी स्टडी सर्किल (शोधपीठ) का भ्रमण किया। उन्होंने इस तरह के प्रयास हेतु मेवाड़ विश्वविद्यालय ते कुलाधिपति डॉ० अशोक कुमार गदिया की प्रशंसा की। कहा कि यह एक प्रेरणादायी प्रयास है। मैं सबको सलाह दूँगा कि एक बार मेवाड़ विश्वविद्यालय स्थित गाँधी संग्रहालय और शोध पीठ का भ्रमण अवश्य किया जाए। संचालन गाँधी स्टडी सर्किल के असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ० सुमित कुमार पाण्डेय ने तथा धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव बी. एल. स्वर्णकार ने किया। कार्यक्रम का आरम्भ सरस्वती वंदना एवं कुलगीत से हुआ तथा समापन राष्ट्रगान से हुआ। इस अवसर पर मेवाड़ विश्वविद्यालय के ज्वाइंट रजिस्ट्रार लक्ष्मण सिंह रावत, सादिक अहमद मंसूरी, ओम साल्वी सहित विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं विद्यार्थीगण मौजूद रहें। गाँधी स्टडी सर्किल की प्रेसीडेंट प्रो० डॉ० चित्रलेखा सिंह ऑनलाइन जुड़ी रही।
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