सूत्रों के मुताबिक गुरुवार सुबह से ही ट्रेप की कार्यवाही शुरू हो गई थी। राजसमन्द एसीबी टीम के डीवाईएसपी अनूप सिंह चौधरी के नेतृत्व में टीम चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय पर पहुंच गई थी। पहले तो रिश्वतखोर कुलदीप सिंह और दलपत सिंह ने फरियादी को पैसे लेकर जिला मुख्यालय पर बुलाया। श्रम विभाग के पास ही स्थित गार्डन में मिलने को बोला। जब फरियादी पैसे लेकर जिला मुख्यालय स्थित श्रम विभाग के पास गार्डन में पहुंचा तो वहां से उसे निम्बाहेड़ा में स्थित एक होटल के एक दलाल को रुपए देने को कहा। इस पर एसीबी की एक टीम श्रम विभाग के आसपास व दूसरी टीम निम्बाहेड़ा दलाल नंद लाल की होटल तक पहुंची। इस दौरान रिश्वतखोर संविदाकर्मी ने दलाल नंद लाल छिपा को व्हाट्सएप पर एक रिकॉर्डिंग करके भेजी। जिसमें संविदाकर्मी ने 20 हजार रुपए फरियादी से लेने के लिए कहा। वॉइस रिकॉर्डिंग में संविदाकर्मी ने दलाल को फरियादी से 20 हजार रिश्वत के रुपए लेने और दलाल द्वारा संविदाकर्मी को कॉल पर बात नही करने को बोला। जब फरियादी रुपए देने होटल पर दलाल के पास पहुंचा तो दलाल नंद लाल छीपा ने श्रम विभाग के संविदाकर्मी द्वारा 20 हजार रुपए लेने की भेजी गई वॉइस रिकॉर्डिंग भी फरियादी को भी सुनाई। उसके बाद फरियादी ने दलाल नंद लाल को 20 हजार रुपए दिए। इशारा पाते ही एसीबी की टीम ने दलाल नन्द लाल को धर दबोचा। वही जिला मुख्यालय स्थित एसीबी की दूसरी टीम ने भी रिश्वतखोर कुलदीप सिंह और दलपत सिंह संविदाकर्मी को धर दबोचा। एसीबी की दोनों टीमों ने रिश्वतखोर दोनों संविदाकर्मी को श्रम विभाग चित्तौड़गढ़ और निम्बाहेड़ा से दलाल को लेकर एसीबी कार्यालय चित्तौड़गढ़ पहुंची। राजसमन्द एसीबी द्वारा आरोपियों के आवास और अन्य ठिकानों की तलाशी जारी हैं।

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