भीलवाड़ा, (पंकज पोरवाल)। हरियाली तीज पर संजय कॉलोनी माहेश्वरी महिला मंडल द्वारा हरियाली तीज महोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया तथा सामूहिक उद्यापन का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। इस दौरान महिलाओं ने सामूहिक पूजा अर्चना कर भजनों पर नृत्य किया। इसके पश्चात सामुहिक तीज का उद्यापन किया गया। सभी सखियों महिलाओं को तिलक लगाकर सुहाग सामग्री वितरित की गई। सचिव अनुपमा मंत्री ने बताया कि हरियाली तीज का पर्व महिलाओं के लिए बहुत ही विशेष पर्व माना गया है। सुहागन महिलाएं हरे परिधानों में कार्यक्रम में शामिल होने पहुंची। जहां सबने शिव-पार्वती की पूजा अर्चना की। तीज त्यौहार पर श्रृंगार पर आधारित मनोरंजन गेम्स और हाऊजी खेली गयी। इसके बाद एक दूसरे को तीज की बधाई दी। 50 महिलाओं का उद्यापन दिया गया। 300 महिलाओं ने स्नेहभोज में भाग लिया। आयोजन में सभी महिलाओं द्वारा सावन तीज पर आधारित गीतों पर सामूहिक नृत्य किया गया। अध्यक्ष रेनू कोगटा ने बताया कि त्योहार हमको सामाजिक और संस्कारिक रूप से जोड़ने का काम करते हैं। हमारी सांस्कृतिक और संस्कारिक एकता ही भारत की अखंडता का मूल आधार है। व्रत-त्यौहारों के दिन हम देवताओं का स्मरण करते हैं, व्रत, दान तथा कथा श्रवण करते हैं, जिससे व्यक्तिगत उन्नति के साथ सामाजिक समरसता का संदेश भी समाज में पहुंचता है। इस अवसर पर मधु लढ़ा, इंदिरा भदादा, संगीता मुंदड़ा, कृष्णा भदादा, किरण काबरा, पुष्पा मुंदड़ा, मीता अटल, सरोज समदानी, मंजू दरक, आशा राठी, मधु मुंदड़ा, डिंपल गटयानी, गरिमा मालीवाल, दर्शना गंदोरिया, आशा गटयाणी, दिलकुश मंत्री, नेहा डाड, पूजा काबरा, कांता भदादा, अनीता तोषनीवाल, अदिति माहेश्वरी सहित मंडल की सभी सदस्याए उपस्थित थी।
----------------------------------------------------
पद्मिनी क्लब की सदस्याओं ने उत्साह से मनाया हरियाली तीज पर्व
भीलवाडा। पद्मिनी क्लब द्वारा तरह-तरह के रंगों के लहरे को पहनकर हरियाली तीज पर्व को बहुत ही उत्साह से सभी क्लब की सदस्यों ने इस उत्सव को मनाया। कार्यक्रम के दौरान सभी ने मिलकर हाउजी खैली, गीत गाए, नृत्य किया, अंताक्षरी खैली और भी विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। सभी ने बहुत ही उत्साह पूर्वक भाग लेकर बहुत ही आनंद प्राप्त किया। क्लब की संरक्षिका स्नेहलता धारीवाल, कल्पना माहेश्वरी मुख्य अतिथि रहे। अध्यक्ष सीमा सोमानी ने बताया कि त्यौहार मनाने से ही संस्कृति की रक्षा होती है, लहरिया सावन में विवाहित महिलाओं के लिए बहुत ही महत्व रखता है, यह सौभाग्य और सुकून का प्रतीक भी माना जाता है, समय के साथ बहुत कुछ बदलता है, लेकिन आज भी सावन के महीने में लहरिया पहनना झूले झूलना गीत गाना यह आज भी हमारी परंपरा में शामिल है। क्लब की ममता सेठी, सीमा गौड़, रीना गुप्ता, पदम जैन, सीमा जैन का पूरा-पूरा सहयोग रहा।
0 टिप्पणियाँ