चित्तौड़गढ़। मेवाड़ में सुप्रसिद्ध श्री साँवलिया सेठ का दो माह बाद खोले भंडार से निकली दानराशि की गिनती जारी हैं। अब तक दो चरणों में रिकॉर्ड तोड़ 20 करोड़ 89 लाख रुपए दानराशि की गिनती की गई हैं। आज शनिवार को तीसरे चरण की गिनती होगी। श्री सांवलियाजी मन्दिर मण्डल की प्रशासनिक अधिकारी सीईओ प्रभा गौतम और मन्दिर मण्डल के अध्यक्ष हजारी दास वैष्णव समेत प्रशासनिक अधिकारी व सदस्यों की मौजूदगी में 19 नवम्बर को श्री साँवलिया सेठ की विशेष भोग आरती कर दानपेटी खोली गई। पहली बार मन्दिर के अंदर बने चौक में गिनती नही की जा रही हैं अब मन्दिर परिसर में ही बने सत्संग हॉल में दानराशि की गिनती की जा रही हैं। बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता हैं कि दो चरणों में करीब 21 करोड़ रुपए दानराशि की गिनती की गई हैं। सांवरा सेठ का भंडार दीपावली पर दो माह बाद और होली पर डेढ़ माह बाद भंडार खोला जाता हैं। दो माह बाद खोले जाने वाले भंडार के 15 दिन बाद फिर से भंडार खोला जाएगा। साल में 11 बार श्री साँवलिया सेठ का भंडार खोला जाता हैं। भंडार से निकली दानराशि को बोरो में भरकर सत्संग हॉल तक ले जाया गया जहां सबसे पहले बड़े नोट 500-500 रुपए की छंटनी करके बण्डल बनाएं जाते हैं। फिर 200-200 रुपए के और इसके बाद छोटे नोटों के बंडल बना कर काउंटिंग की जाती हैं यह चरण मासिक भंडार खोले जाने पर 5-6 चरणों मे पूरी होती हैं। श्री साँवलिया सेठ के बढ़ती दानराशि के चलते नोटों को गिनने के लिए कार्मिकों की संख्या में भी इजाफा किया गया हैं। करीब 200 कर्मचारी दानराशि गिनने में लगे हुए हैं। गणना स्थल पर सीसीटीवी समेत मेन्युअल कैमरों से भी नजर रखी जाती हैं और सिक्युरिटी के पुख्ता इंतजाम किए जाते हैं। गणना स्थल पर मोबाइल और पर्स ले जाना भी मना रहता हैं। नोटों के ढ़ेर से सोना-चांदी और विदेशी मुद्राओं समेत सिक्कों की भी छंटनी की जाती हैं। बताया जा रहा हैं कि इस बार दो माह में खोले गए भंडार से रिकॉर्ड तोड़ चढ़ावा निकलने का अनुमान हैं। यहां हर माह खोले जाने वाले भंडार से 26-27 करोड़ रुपए की दानराशि चढ़ावें में निकल रही हैं। हर बार पिछली बार खोले जाने वाले भंडार का रिकॉर्ड टूट जाता हैं। श्री साँवलिया सेठ के दरबार में राजस्थान समेत देश के कौने-कौने से श्रद्धालु यहां दर्शन को पहुंच रहे हैं। मन्दिर मण्डल प्रशासन भी श्रद्धालुओं के लिए विशेष इंतजाम करते हैं।
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