25 मई से नौतपा, इन नौ दिनों पर टिका है पूरे वर्ष के बारिश का अनुमान– डॉ मृत्युञ्जय


चित्तौड़गढ़ (सलमान)। हर साल ग्रीष्म ऋतु में नौतपा प्रारंभ होता है। भारत कृषि प्रधान देश है एवं वर्षा के जल पर देश की आर्थिक स्थिति से लेकर पशु पक्षी मानव तक का जीवन टिका हुआ है। श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी ने बताया कि इस बार नौतपा 25 मई बुधवार से प्रारंभ होगा। जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में गोचर करने लगता है तब नौतपा प्रारंभ होता है। सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही धरती का तापमान तेजी से बढ़ने लगता है। सूर्य इस नक्षत्र में लगभग 14 दिनों के लिए आता है। इन चौदह दिनों के पहले के 9 दिन सर्वाधिक गर्मी वाले होते हैं। इन्हीं शुरुआती नौ दिनों को नौतपा के नाम से जाना जाता है। सूर्य 25 मई बुधवार को 8 बजकर 16 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा। जहां वह 8 जून की सुबह 6 बजकर 40 मिनट तक रहेगा।  ग्रहों की वर्तमान स्थिति को देखते हुए देश के पूर्वी पश्चिमी और दक्षिणी भाग में दैवीय आपदाएं आने की संभावना है। ज्योतिष शास्त्र की मान्यता के अनुसार सूर्य की ऐसी स्थिति अमंगल और अशुभ का संकेत दे रही है। ऐसी स्थिति में कुछ भी कार्य शुरू करने से पहले कई बार विचार करना आवश्यक है। वैज्ञानिक दृष्टि से नौतपा में विशेष सतर्क रहने की आवश्यक है। नौतपा के दौरान सूर्य की तपिश की वजह से भीषण गर्मी पड़ती है। वैज्ञानिक मान्यता के अनुसार जब सूर्य की किरणें पृथ्वी पर 
पड़ती हैं और वातावरण गर्म हो जाता है, जिससे आंधी और तुफान की स्थिति बन जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रह और नक्षत्र की यह स्थिति अमंगल और अशुभता का संकेत देती है।

नौतपा से होती है बारिश की भविष्यवाणी
 
नौतपा के समय सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर प्रभाव डालती है। इससे प्रचंड गर्मी होती है तो मानसून में अच्छी बारिश होने के आसार बनते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि इन नौ दिनों के दौरान ही बारिश होने लगे तो इसे नौपता का गलना माना जाता है। फिर अच्छे मानसून की आशा नहीं की जा सकती है। यदि नौतपा के सभी दिन पूरे तपें, तो यह अच्छी बारिश का संकेत होता है।
इस बार नौतपा से पहले ही कुछ क्षेत्रों में बारिश हो चली है जो कि अच्छा संकेत नहीं है। सूर्य, मंगल, बुध और शनी के समसप्तक योग होने से धरती के एक हिस्से में भारी गर्मी पड़ती है। अब नौतपे से ही आशा है कि यदि यह खूब तपा तो भारी बारिश होगी नहीं तपा तो मानसून बिखरा बिखरा रहेगा। यह भी कहा जा रहा है कि नौतपा के आखिरी दो दिन तेज हवा-आंधी चलने व बारिश होने के भी योग हैं।

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