डूंगला, (विमल नलवाया)। बीज बीज ही नहीं बीज में विराट वृक्ष का अस्तित्व छिपा हुआ है वैसे ही सामान्य आत्मा में भी परमात्मा का स्वरूप विद्यमान है। उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि यदि कुशल नेतृत्व मिले तो सामान्य भी महामानव बन सकता है तथा अधूरे डॉक्टर ड्राइवर मिले तो भौतिकता का ही नुकसान है परंतु अधूरे गुरु से आत्मा का जन्म जन्मांतर में नुकसान है।
मुनि कमलेश ने कहा कि कठोर परिश्रम और सही मार्गदर्शन असंभव को भी संभव करके दिखाता है। महापुरुषों के बताए मार्ग का पालन करके हर आत्मा महान पुरुष बन सकती है। धन्य वैभव महान नहीं बना सकता। जितना बड़ा त्याग करता है प्राणों की परवाह न करते हुए खतरों से खेलता है वही पूजनीय बनता है।जैन संत ने कहा की जन्म और जाति से कोई महान नहीं होता कर्म से महान बन कर दुनिया में अमर हो जाता है। व्यक्ति मनुष्य जीवन में अपना तो कल्याण करता ही है जन्मभूमि माता-पिता और प्रदेश का नाम भी रोशन होता है तथा अनंत काल तक भटकती हुई आत्मा को सही मार्ग प्रदान करता है। मुनि कमलेश के संसारी बड़े भ्राता भंवरलाल नागौरी, सुंदरलाल नागौरी और शहर की जनता ने राष्ट्रसंत को अपने प्रदेश का गौरव बताया।
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