डूंगला (विमल नलवाया)। चतुर्विध संघ संगठन परमात्मा से भी बढ़कर है इसको बनाने के लिए उन्होंने सर्वस्व न्योछावर कर दिया। उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने संघ स्थापना दिवस पर धर्मसभा को संबोधित करते कहा कि संघ धर्म का प्राण और मोक्ष का आधार स्तंभ है।
उन्होंने कहा कि संघ को मजबूत करना सुरक्षा प्रदान करना उसका विकास करना सबसे बड़ी महान साधना और धर्म आराधना है। मुनि कमलेश ने बताया कि संघ के अस्तित्व में ही हमारा अस्तित्व है। तीर्थंकरप्रभु ने जिसकी स्थापना की है आज हम जो कुछ भी हैं उन्हीं की देन है।
राष्ट्रसंत ने कहा कि अपने स्वार्थ के लिए संगठन में विघटन करता है वह महान पापी है अक्षम्य अपराध है। जैन संत ने कहा कि प्रभु के मोक्ष में जाने की हजारों वर्ष बाद भी हम पुष्पित पल्लवित हो रहे हैं यह संगठन की देन है। उप प्रवर्तनी महासती शांता कंवर ने कहा कि हम सब मालि बनकर संघ को सीखने का संकल्प लें। महासती मंगल प्रभा, महासती जय श्री ने कहा कि बड़ों के आदेश का पालन करना ही सबसे बड़ा धर्म है। घनश्याम मुनि, गौतम मुनि, अक्षत मुनी, कौशल मुनि ने संघ को मजबूत करने का संकल्प लिया। इस दौरान महावीर एलवा मां गोशाला के अध्यक्ष उत्सव भानावत, उपाध्यक्ष नारायण लाल व्यास, मंत्री मांगीलाल जारोली, सह मंत्री रमेश मेहता, कोषाध्यक्ष दुर्गा शंकर शर्मा सभी ने अभिनंदन करते हुए संघ सेवा का संकल्प लिया। मुनि कमलेश अपनी जन्मभूमि डूंगला में 20 मई तक विराजेंगे।
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