चित्तौड़गढ़, (सलमान)। केंद्र व राज्य सरकार नीचे तबके के श्रमिकों और आम आदमियों को लाभ देने के लिए कई योजना चला रखी हैं और इन योजनाओं से कई लोग लाभान्वित भी हो रहे हैं। वही चित्तौड़गढ़ में श्रम विभाग में पिछले 5 माह में श्रमिकों के आवेदनों को लेकर अपनाए गए कड़े रवैये से मजदूरों के हकों पर कैंची चलाने वाले अधिकारी पर सरकार की गाज गिरी हैं। श्रम, कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता विभाग के उप शासन सचिव नरेश गोकलानी ने एक आदेश जारी कर चित्तौड़गढ़ के उप श्रम आयुक्त गजराज सिंह को सस्पेंड कर दिया हैं। चित्तौड़गढ़ में पिछले 5 माह में श्रम विभाग में ऑनलाइन आए आवेदनों में से साढ़े 9 हज़ार फॉर्म रिजेक्ट कर दिए थे। इसको लेकर गत 24 जुलाई को 'माय सर्कल न्यूज़' ने "मजदूरों के आवेदनों पर श्रम विभाग ने चला दी कैंची, 5 माह में साढ़े 9 हज़ार फॉर्म रिजेक्ट" शीर्षक से प्रमुखता से ख़बर उठाई थी। इसके बाद विभाग ने चित्तौड़गढ़ उप श्रम आयुक्त गजराज सिंह को निलंबित कर दिया। उप श्रम आयुक्त गजराज सिंह के सस्पेंड के पीछे का कारण यह माना जा रहा कि श्रम विभाग में श्रमिकों के आए आवेदनों पर उनकी परफॉर्मेंस सही नही रही हैं। पिछले 5 माह में श्रमिकों के साढ़े 9 हज़ार फॉर्म रिजेक्ट कर दिए। फरवरी 2024 के अंतिम सप्ताह में गजराज सिंह राठौड़ ने चित्तौड़गढ़ उप श्रम आयुक्त का पदभार ग्रहण किया था। श्रम विभाग के 12 हज़ार 21 प्रकरणों के लिए ऑनलाइन अभ्यावेदन दिए थे लेकिन इनमें से महज 149 प्रकरण ही स्वीकार किये थे। आंकड़ों से प्रतीत होता हैं कि विभाग के अधिकारी ने मजदूरों को लाभ देने के आवेदनों के लिए कितनी कौताही कर रहे थे। पिछले दिनों विधानसभा में भी श्रम विभाग से जुड़ा मामला उठा था। श्रमिकों के आवदेन पेंडिंग होने से श्रम विभाग अधिकारी गजराज सिंह की कार्यशैली को लेकर जनप्रतिनिधि भी सवाल उठा रहे थे।
◆विभाग को मजदूरों के खाते में डालने थे, फाइलें हो गई रिजेक्ट
जानकारी में सामने आया कि पोर्टल पर आए आवेदनों में कई ऐसे आवेदन भी थे जो अंतिम स्टेज पर होकर श्रमिकों के खाते में योजनाओं से जुड़े रुपए आने थे। मजदूरों को लाभ मिलता उससे पहले ही कई आवेदन रिजेक्ट हो गए। वही उप श्रम आयुक्त ने कई आवेदनों को वापस रिओपन कर जांच के लिए पेंडिंग छोड़ दिए। गत दिनों श्रमिक संगठनों ने भी इस मामले में जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपे थे।
●विभाग ने सस्पेंड का निकाला आदेश
श्रम, कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता विभाग के उप शासन सचिव नरेश गोकलानी ने एक आदेश जारी किया। जिसमें गजराज सिंह राठौड़ उप श्रम आयुक्त चित्तौड़गढ़ के विरुद्ध राजस्थान सिविल सेवाएं (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1958 के नियम 16 के तहत विभागीय जांच कार्यवाही विचाराधीन हैं। राजस्थान सिविल सेवाएं (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1958 के नियम-13 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए गजराज सिंह राठौड़, श्रम कल्याण अधिकारी चित्तौड़गढ़ को निलंबित कर निलम्बन अवधि में मुख्यालय आयुक्तालय श्रम विभाग जयपुर किया गया हैं।
●विभाग में लगे संविदाकर्मियों पर पूर्व में एसीबी की हो चुकी कार्यवाई
श्रम विभाग से जुड़ी अलग-अलग योजनाओं के नाम से अलग-अलग कमीशन सेटिंग किसी से छुपी हुई नही हैं। पूर्व में चित्तौड़गढ़ श्रम विभाग में लगे संविदाकर्मियों को योजनाओं के लाभार्थियों की फाईल 'ओके' करने की एवज में रिश्वत लेते एसीबी ने रंगों हाथों पकड़ा था।
◆पांच माह में किस योजना में कितने आवेदन रिजेक्ट
गत 27 फरवरी से 24 जुलाई तक विभाग को प्रसूति सहायता में मिलने वाले लाभ के लिए 2529 आवेदन मिले लेकिन विभाग के आंकड़ों के अनुसार महज 3 प्रकरणों को ही स्वीकृति दी गई और 2203 प्रकरण निरस्त करते हुए 137 प्रकरण लम्बित बताये गये है। इसी तरह निर्माण श्रमिक शिक्षा कौशल विकास योजना में 6 हजार 950 प्रकरणों में से 135 प्रकरणों को स्वीकृति देते हुए 5 हजार 48 निरस्त कर दिये गये है। शुभ शक्ति योजना में तो 1440 में से एक भी प्रकरण में स्वीकृति नहीं दी गई है। जबकि टूल किट सहायता योजना में 162 में से एक ही व्यक्ति को सहायता मिल पाई थी।
◆श्रम विभाग की ये चल रही योजनाएं
जानकारी के अनुसार श्रम विभाग द्वारा मजदूरों के लिए संचालित योजनाओं प्रसूति सहायता योजना में लड़की होने पर 21 हजार व लड़के होने पर 20 हज़ार का प्रावधान है। जबकि हितधारी की सामान्य मृत्यु होने पर 2 लाख और दुर्घटना मृत्यु होने पर 5 लाख रूपये, निर्माण श्रमिक कौशल योजना में छठी क्लास से एमए तक 8 हजार से लेकर 50 हजार तक, टूल किट सहायता योजना में 2 से 5 हजार रूपये, आवास योजना में डेढ़ लाख।रूपये और शुभ शक्ति योजना में लड़की शादी होने पर 55 हजार रूपये मिलने का नियम है। श्रम विभाग द्वारा प्रदेश में करीब 8 योजनाएं संचालित है।
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