पुलिस ने दी थी एफआर, न्यायालय ने किया वरिष्ठ चिकित्साधिकारी सम्मन से तलब

चित्तौड़गढ़। अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार अधिनियम चित्तौड़गढ़ के विशिष्ट न्यायाधीश ने पुलिस द्वारा दी गई एफआर के संबंध में आरोपी चिकित्सक गणपत सिंह प्रभारी सीएचसी कपासन के विरूद्ध एससी-एसटी एक्ट में प्रसंज्ञान लेने के पर्याप्त आधार मौजूद होने से आदेश देकर वरिष्ठ चिकित्साधिकारी को न्यायालय में तलब किया है। जानकारी के अनुसार सीएचसी कपासन में तैनात तत्कालीन पीड़िता नर्स द्वारा कपासन में एससी-एसटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज कराया था। जिस पर जांच अधिकारी दलपत सिंह ने मामले को अदमबकुआ झूठा मानकार एफआर दी थी। पीड़िता द्वारा लिखित रिपोर्ट दिये जाने के बाद द्वितीय अनुसंधान अधिकारी शहाना खानम ने जांच की और बाद में तृतीय जांच अधिकारी महावीर सिंह राणावत ने भी अनुसंधान किया और मामले को झूठा बताते हुए 2020 में एफआर प्रस्तुत कर दी। इस मामले में पीड़िता द्वारा अपने अधिवक्ता गौरव परमार, अबरार खान, अम्बालाल ओड, गायत्री टेलर के जरिये न्यायालय में प्रोटेस्ट प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया जिस पर सुनवाई करते हुए पीठासीन अधिकारी देवेन्द्र सिंह पंवार ने पीड़िता के अधिवक्ताओं के तर्कों से सहमत होकर चिकित्सक गणपत सिंह चौधरी के विरूद्ध प्रसंज्ञान लेने के पर्याप्त आधार बताये और आरोपी को सम्मन के जरिये न्यायालय में तबल किया है।

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