कपासन। प्रख्यात सूफी संत हज़रत दीवाना शाह साहब र.अ. की दरगाह शरीफ पर बुधवार जीकादा माह की चाँद रात के अवसर पर अकीदत मंदो का जनसैलाब उमड़ पड़ा।
दरगाह वक्फ कमेटी के सैक्रेट्री मोहम्मद यासीन खाँ अशरफी के अनुसार चन्द्र दर्शन हेतु जायरीन की आमद से उर्स सा मंजर नजर आया। अहाता ए नूर मे कव्वाल हज़रात बारी-बारी से अपना कलाम पेश कर रहे थे तो आस्ताना के बाहर महफिले मीलाद का दौर दौरा जारी था तो कही हुसैनी बैण्ड से तो कोई बैण्ड बाजो के साथ चादर पेश कर रहा था। हजारो की तादाद मे लोगो ने मिन्नत के धागे बाँधे तो कई बच्चो को गुड, खोपरे, सुखे मेवे, फल से तोलकर मिन्नते उतारी। जगह-जगह पर लंगर तकसीम हो रहा था मेला ग्राउण्ड मे 300 से उपर अस्थाई दुकाने लगी। औलिया मस्जिद, अहाता ए नूर में नमाजियो की कतारे तो आस्ताना ए आलिया मे खामोशी से मुल्क में अमनो सुकून और घरो मे रहमतो नूर की बारीश की दुआ के साथ ही चादर, फूल, ईत्र पेश करने का सिलसिला देर रात्री तक चला। ऐसे सुकून का माहोल था की बरबस यह शेर याद आ जाता है। ’’दीवाने की याद आई है, सांसो जरा आहिस्ता चलो
धड़कनो से भी ईबादत मे खलल पड़ता है।’’
हाईवे से लेकर स्टेशन तक जायरीन की रेलमपेल रही व गाड़ियो का जमावडा लगा रहा। दरगाह वक्फ कमेटी के सदस्य अब्दुल वहीद अंसारी, असलम शैख, हाजी अब्र्दुरहमान मंसूरी, अशफाक तुर्किया, सैयद अख्तर अली, हाजी शरीफ मेवाती छाया, पानी के इंतजाम मे लगे रहे। दरगाह परिसर मे दरगाह कर्मचारी, स्वयं सेवक एवं 40 सिक्यूरिटि गार्ड के साथ ही पुलिस जाब्ता भी तैनात रहा।
0 टिप्पणियाँ